जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के विरोध में देशभर में गुस्सा फूट पड़ा है। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के खामगांव में हिंदू समुदाय ने उपविभागीय अधिकारी के समक्ष प्रदर्शन कर इस हमले की कड़ी निंदा की। उपविभागीय अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपे गए वक्तव्य में कहा गया कि यह हमला देश की एकता और अखंडता को कमजोर करने की साजिश है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सरकार पीड़ितों और उनके परिवारों की हर संभव मदद करे, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और कश्मीर में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित महाराष्ट्र लाया जाए।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और तेज करने की जरूरत
वक्तव्य में सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से मतभेद भुलाकर एकजुट होने की अपील की गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा, “यह हमला केवल पर्यटकों पर नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता पर प्रहार है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और तेज करना होगा और आतंकियों को कड़ी सजा देने के साथ सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है।”
केंद्र सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग
वहीं, महाराष्ट्र के पालघर में शिवसेना (शिंदे गुट) ने हुतात्मा चौक पर विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आतंकी हमले की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। शिवसेना नेता ने कहा, “पहलगाम में हुआ हमला कश्मीर की शांति और पर्यटन को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। सरकार को तत्काल कदम उठाकर दोषियों को सजा देनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ देश को एकजुट होकर लड़ना होगा।”
शहीद परिवार सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की
उधर, पंजाब के पठानकोट में शहीद परिवार सुरक्षा परिषद ने सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिषद के सदस्यों ने आरोप लगाया कि इस हमले में पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने कहा, “हम सरकार से मांग करते हैं कि पाकिस्तान को इस कायरतापूर्ण कृत्य का करारा जवाब दिया जाए।”
कश्मीर में शांति और स्थिरता के लिए आतंकियों और उनके समर्थकों को कुचलना जरूरी
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाए और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए। कश्मीर में शांति और स्थिरता के लिए आतंकियों और उनके समर्थकों को कुचलना जरूरी है। इस हमले का जवाब एकजुटता और कठोर कार्रवाई से देना होगा।(इनपुट-आईएएनएस)